[ಕವಿತಾ]
ಖೆಳ್
(-ಕ್ಲೈವ್ ಸೋಜ್,
ಬೊಳಿಯೆ) |
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ಖೆಳ್
ಹರ್ಯೆಕಾ ತುಜ್ಯಾ
ಆಪ್ತ್ ಮಿತ್ರಾಕ್,
ಆಸ್ತಲೊ, ಏಕ್ ಮಿತ್ರ್
ಆಪ್ತ್...
ಹೊ ಖೆಳ್ ವೆಳಾಚೊ...!
ತುಜೆವಿಣೆಂ ಘುಟ್ ತುಜೊ..
ಕೊಣ್ ಘುಟಾನ್
ದವ್ರುಂಕ್ ಪುರೊ..!?
ತುಜೊ ಆಪ್ತ್ ಮಿತ್ರ್
ತುಂಚ್ ಖರೊ..!!
ಚಮ್ಕತಾನಾ ವಾಟೆರ್
ಶಿಂಪಡ್ಲೆಲೆಂ ದಿರ್ವೆಂ..
ವಿಂಚ್ತಲೊ ಬಗ್ಲೆನ್
ಚಲ್ತಲೊ..
ಹೊ ಖೆಳ್ ನಶಿಬಾಚೊ..!!
ತುಜಿ ಜಿಣಿ..
ಹೆರಾಂಕ್, ಫಕತ್..
ಏಕ್ ಕಾಣಿ...!
ಪಾತ್ರ್ ಸಂಪ್ಲೊ ತರ್,
ರಾಂವ್ಚೊ ನಾ ಕೊಣೀ...!!
ಹೊ ಖೆಳ್ ಜಿಣ್ಯೆಚೊ..!!
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ಕ್ಲೈವ್ ಸೋಜ್, ಬೊಳಿಯೆ.
[ಜನೆರ್, 2020] |
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ಕ್ಲೈವ್ ಸೋಜ್, ಬೊಳಿಯೆ: ಕ್ಲೈವ್
ಸೋಜ್, ಬೊಳಿಯೆ ಲಿಖ್ಣೆನಾಂವಾಖಾಲ್ ಬರಂವ್ಚೊ ಲ್ಯಾರಿ
ಕ್ಲೈವ್ ಡಿಸೋಜ್ ಸದ್ದ್ಯಾಕ್ ಕುವೆಯ್ಟಾಂತ್ ವಾವ್ರ್ ಕರುನ್
ಆಸಾ. ಪಾವಣ್ಶಿಂ ಕವಿತಾ ತಶೆಂಚ್ ತಿಸಾಂವಯ್ರ್ ಚುಟುಕಾಂ
ಬರಯ್ಲ್ಯಾತ್. ಪತ್ರಾಂ/ಜಾಳಿಜಾಗ್ಯಾಂನಿ ಕವಿತಾ
ಪರ್ಗಟ್ಲ್ಯಾಂತ್ ತಶೆಂಚ್ ಕವಿತಾ ಬರಂವ್ಚ್ಯಾ
ಸ್ಪರ್ಧ್ಯಾಂನಿ ಇನಾಮಾಂ ಜೊಡ್ಲ್ಯಾಂತ್. |
[kovita]
Khell (-
Kloiv Soz, Bollie) |
Jivitacho motlob
khell mhonnun zaite khoreponnim patyetat.
Vidhicho khell va noxibacho khell punn hea jivit
mholl'llea khellant soit monxak zaite khell
khellunk poddtat. Zoxem isttagotecho khell.
Bab kloiv sozachi
mottvi punn chintunk lamvchi kovita vachunk tuka
ulo ditam.
- Som |
[kovita]
Khell (-
Kloiv Soz, Bollie) |
Khell
horyeka tujea
apt mitrak,
astolo, ek
mitr apt...
Ho khell
vellacho...!
tujevinnem ghutt
tuzo..
Konn ghuttan
dourunk
puro..!?
tuzo apt mitr
tunch
khoro..!!
chomkotana vatter
ximpoddlelem
dirvem..
Vinchtolo
boglen choltolo..
Ho khell
noxibacho..!!
tuji jinni..
Herank,
fokot..
Ek kanni...!
patr somplo
tor,
ramvcho na
konni...!!
ho khell
jinnyecho..!!
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Kloiv Soz, Bollie. [Zoner,
2020] |
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Kloiv Soz, Bollie:
Kloiv Soz, Bollie likhnnenamvakhal boromvcho
leari Kloiv Ddisoz Sod'deak kuveyttant vaur
korun asa. Paunnxim kovita toxench tisamvoir
chuttukam boroileat. Potram/zallizageamni kovita
porgottleant toxench kovita boromvchea
spordheamni inamam zoddleant. |
[कविता]
खेळ (-
क्लैव सोज, बोळिये) |
जिविताचो मतलब खेळ म्हणून जायते खरेपणीं
पात्येतात. विधिचो खेळ वा नशिबाचो खेळ पूण ह्या
जिवीत म्हळ्ळ्या खेळांत सयत मनशाक जायते खेळ
खेळुंक पडतात. जशें इसटागतेचो खेळ.
बाब
क्लैव सोजाची मटवी पूण चिंतुंक लांवची कविता
वाचुंक तुका उलो दितां.
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सं |
[कविता]
खेळ (-
क्लैव सोज, बोळिये) |
खेळ
हऱ्येका तुज्या आप्त मित्राक,
आसतलो, एक मित्र आप्त... हो खेळ वेळाचो...!
तुजेविणें घूट तुजो.. कोण घुटान दवरुंक
पुरो..!? तुजो आप्त मित्र तुंच खरो..!!
चमकताना वाटेर शिंपडलेलें दिर्वें..
विंचतलो बगलेन चल्तलो.. हो खेळ नशिबाचो..!!
तुजी जिणी.. हेरांक, फकत.. एक काणी...!
पात्र संपलो तर, रांवचो ना कोणी...!! हो खेळ
जिण्येचो..!!
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क्लैव सोज, बोळिये. [जनेर,
२०२०] |
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क्लैव सोज, बोळिये: क्लैव सोज,
बोळिये लिखणेनांवाखाल बरंवचो ल्यारी क्लैव डिसोज
सद्द्याक कुवेयटांत वावर करून आसा. पावणशीं कविता
तशेंच तिसांवयर चुटुकां बरयल्यात.
पत्रां/जाळिजाग्यांनी कविता पर्गटल्यांत तशेंच
कविता बरंवच्या स्पर्ध्यांनी इनामां जोडल्यांत. |
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ದಾಯ್ಜ್.ಕೊಮ್
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